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मुस्कुराता कौन है यहां,इस जमाने में दास्तां भी अब क्या कहें असली चेहरों को पढ़ना भी है मुश्किल अश्रु भरी आंखें है,जैसे बारिश की बूंदे गिरती है मुस्कुराता कौन है यहां, ...