नज़्म: ( हिज्र का ग़म

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नज़्म: ( हिज्र का ग़म ) ------------------------------------------ साये हिज्र के दिल मे क्यों गहराये जाते हैं, क्यों ग़म जुदाई के दिल मे उतरते आते हैं। अहसास अपने फन का कभी तो ...

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