विदाई

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सुन्दर थी वो‌ लड़ी लगी थी वहां झड़ी। सजावट थी चारों ओर नाच  रहे थे बादल और मोर‌ सजी थी दुल्हन,, सजा था मंडप। भीगा था आंगन ,, गीला था अपनों ...

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