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कहते हुए महाराज ने रघुपति के चेहरे पर अपनी मर्मभेदी दृष्टि स्थापित कर दी। राजा की सुगम्भीर दृढ आवाज रुद्ध तूफान के समान कुटी में कम्पायमान होने लगी। रघुपति ने कोई ...