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राजर्षि (उपन्यास) : दूसरा भाग : अठारहवाँ परिच्छेद अगले दिन न्याय। न्यायालय में लोगों की भीड़। न्यायाधीश के आसन पर राजा विराजमान हैं, सभासद चारों ओर बैठे हैं। दोनों बंदी सामने ...