आज भी तू वही कुमारी हो

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आज भी तू वही कुमारी हो छोटी कलियों पे फूल भारी हो । पहले तो गन्ध भीनी लगती थी आज तू महक की पिटारी हो ।। छोटे जुगनू पडे कही फीके ...

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