24 Part
308 times read
13 Liked
आज भी तू वही कुमारी हो छोटी कलियों पे फूल भारी हो । पहले तो गन्ध भीनी लगती थी आज तू महक की पिटारी हो ।। छोटे जुगनू पडे कही फीके ...