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रात-रात काटा है हमने जाने क्या-क्या देखा सपने । कहीं आनलाइन तू होती नस-नस मेरी लगती जमने ।। खूब तुम्हारी डीपी देखा हाथो की तू बनती रेखा । जब उत्तर झट ...