गला रुधा है श्ब्द जुदा है

24 Part

296 times read

5 Liked

गला रुधा है श्ब्द जुदा है सुन-पढकर अखबारों में । तीन वर्ष मे इतनी चीखे दब जाती है नारों में ।। जाति पंथ में मुद्दा भटका बिना काम की बाते अटका ...

Chapter

×