नहीं रहा है,नहीं रहेगा

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*गीत*(16/12) नहीं रहा है,नहीं रहेगा, इस जग में अभिमानी। होता है अभिमान विनाशक, अमर रहे बस दानी।। प्रेम-भाव जब हिय में पलता, मानव रहता मानव। जब भी पले भाव हिंसा का, ...

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