59 Part
218 times read
7 Liked
*गीत*(16/12) नहीं रहा है,नहीं रहेगा, इस जग में अभिमानी। होता है अभिमान विनाशक, अमर रहे बस दानी।। प्रेम-भाव जब हिय में पलता, मानव रहता मानव। जब भी पले भाव हिंसा का, ...