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गीत(16/14)तार हृदय के..... तार हृदय के जब भी जुड़ते, दीप प्रेम का जलता है। जब अधरों को छूए मुरली, सुर अति मधुर निकलता है।। कली-भ्रमर का मिलन देखकर, ऋतु वसंत मुस्काती ...