गौरैया को देखकर, होता यह आभास

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मुक्तक गौरैया को देखकर, होता  यह  आभास, लगी प्यास इसको बहुत,इससे दिखे उदास। पानी की दरकार है,चहुँ-दिश नीर-अभाव, सूरज ऊपर तप रहा, कैसे  मिले  उजास?? पर्यावरण-सुधार से, जल-संकट हो दूर, वन-संरक्षण ...

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