गीतिका (आँखें)

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*गीतिका*(आँखें) देखें सदा सुंदर मंज़र,ये आँखें, नहीं देख पातीं भयंकर,ये आँखें।। विमल नभ में बिखरी आभा से मंडित, प्यारा सा देखें सुधाकर,ये आँखें।। पर्वत से झर-झर उतरते जो झरने, निहारें उन्हीं ...

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