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*विश्व-रुदन* अखिल विश्व कर रहा रुदन है, नहीं कुछ सूझे अब आधार। मिले शीघ्र यदि नाथ सहारा- मिले नाव को तभी किनारा।। संकट की इस विकट घड़ी में, नाथ-वंदना कष्ट मिटाए। ...