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गीत(मत तड़पाओ) बहुत हुए दिन तुमको देखे, मत तड़पाओ आ जाओ। कर श्रंगार सोलहो बैठी, अब अपना लो आ जाओ।। सावन आया बरस गया वह, हृदय-उष्णता गई नहीं। फागुन का भी ...