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आज़ादी *आज़ादी*(दोहा ग़ज़ल) आज़ादी का जश्न ये,देता खुशी अपार, बड़े त्याग-तप से मिला,यह अनुपम उपहार।। सदियों रही गुलाम यह,अपनी भारत-भूमि, किंतु लाल इस भूमि ...