तीज

71 Part

281 times read

7 Liked

दोहा ग़ज़ल(तीज-पर्व)     *दोहा ग़ज़ल*(तीज के शुभ पर्व पर) सदा सुहागन मैं रहूँ,दाता करूँ पुकार। हृदय बसें प्रीतम लिए,सतत प्रेम की धार।। बिना पुरुष नारी लगे,जैसे तन बिन प्राण। पति-पत्नी ...

Chapter

×