ज़िंदगी का मूल्य

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ज़िंदगी का मूल्य आँसुओं से भरी जिंदगी, दर्दे दोज़ख़ से होती है बढ़कर। बेसमय मौत इसकी दवा है- करना ऐसा नहीं होता हितकर।।    लोग कहते हैं फाँसी पे ख़ुद को, ...

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