नीति-वचन-12

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नीति-वचन-12 जप-तप-नियम-धरम नहिं कामा। करैं निवास सुद्ध मन रामा।।     पढ़ि-पढ़ि पोथी-ग्रंथ बिसाला।      होंय पात्र कछु हास्य कराला।। पंडित लोकाचार बिहीना। अप्रिय जस खरवाँस महीना।।      फागुन ...

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