नीति-वचन-16

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*नीति-वचन*-16 देवकि-गरभ कृष्न-अवतारा। कौसल्या प्रभु राम सँवारा।।     गौरी-तन तें भए गनेसा।     प्रथम देव जे पुत्र महेसा। लछिमी-गार्गी औरु गौतमी। अहहिं नारि सभ परम सुधर्मी।।      जोगी-जती-तपस्वी-ध्यानी। ...

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