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अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की दूसरी रचना अभिज्ञानशाकुंतलम है। अभिज्ञानशाकुंतलम उनकी जगत-प्रसिद्धि का प्रमुख कारण बना था। इस नाटक का अनुवाद अँग्रेज़ी और जर्मन के अलावा अनेक भाषाओं में भी हुआ है। ...