-कालिदास

54 Part

165 times read

2 Liked

मालविकाग्निमित्रम्-3         लब्धास्पदोऽस्माति विवादभीरोस्तिति क्षमाणस्य परेण निन्दाम्।     यस्यागमः केवलजीविकायै तं ज्ञानपण्यं वणिज वदन्ति॥ पर इस विवाद के विषय में रानी के सम्भावित पक्षपात के सन्देह से आशंकित ...

Chapter

×