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कुमारसंभवम्-4 तृतीय सर्ग कामदेव के उपस्थित होने पर देवराज इन्द्र ने उन्हें आदरपूर्वक अपने पास बैठाया। कामदेव इन्द्र से विनम्र होकर उनकी चिन्ता का कारण ज्ञात करने लगे। कामदेव अपनी ...