निरुपमा–29

56 Part

38 times read

0 Liked

यामिनी बाबू फँसे। तुला उत्तर न सूझा। बोले, 'प्रोफेसर बनर्जी, चटर्जी, मुकर्जी-सब अपने आदमी तो हैं? बैरिस्टर घोष भी अपने ही हैं। इनकी आवाज में ताकत है। कुछ तअल्लुकेदार हैं, बुद्ध; ...

Chapter

×