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"अब कुछ चुकाया थोड़े चुकने का है रुपया, घर-भर तौल जाएँगे।" कामता रुपये के महत्त्व में डूबे हुए बोले। गुरुदीन हँसकर बोले, "नाक तक आ गए हैं। लेकिन वाह री औरत; ...