निरुपमा–50

56 Part

41 times read

0 Liked

"अब कुछ चुकाया थोड़े चुकने का है रुपया, घर-भर तौल जाएँगे।" कामता रुपये के महत्त्व में डूबे हुए बोले। गुरुदीन हँसकर बोले, "नाक तक आ गए हैं। लेकिन वाह री औरत; ...

Chapter

×